मै विद्ध्वंश का अवशेष हूँ
मै मानवता का क्लेश हूँ
मै क्रूरता का आवेश हूँ
मै अमरता का सन्देश हूँ
मै धधकती ज्वाला हूँ
न मिट सकने वाली आभा हूँ
मै प्रेम का पर्याय हूँ
मै तेरी जिंदगी का नया अध्याय हूँ
मै सागर की अंतरिम गहरायी हूँ
मै आसमान की ऊँची छलांग हूँ
मै मिटटी के कण-कण बसा हूँ
मै हूँ नव कोपन अंकुर अभाय्मान
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