आजकल बहुत थक गया हूँ मै ..जाने किस गली में भटक गया हूँ मै
यहाँ चेहरे मुझे अछे नहीं लगते ..शायद दिल के सच्चे नहीं लगते
मुझे शिकायत है मगर बताऊँ किसे ..मै पागल नहीं हूँ समझाउं किसे
माँ का दुलारा हूँ मै , मजबूत सहारा हूँ मै
काश मै क़र्ज़ तेरा उतार सकता ..अपनी नैया उस पार उतार सकता
अभी तो इस जहाँ में ही रहना है ..और दर्द ही दर्द सहना है
जीना नहीं है खुद के लिए..मुझे तो सिर्फ तेरे लिए मरना है
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nice
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