Thursday, March 25, 2010

नही नहीं तू कभी न दिल लगाना

तेरे लिए मर भी जायेंगे तो कम होगा
शायद फिर भी मेरी वफ़ा का असर न होगा
तेरे क़दमों में बिछा दूं अगर सारी खुशियाँ
फिर भी भर न पायेगी तेरी झोली क्या
माना आपके ख्वाब आपको मुझसे ज्यादा प्यारे हैं
एकबारगी वो मिल जाये तो क्या याद आ पाएंगे हम
नहीं बहुत मुश्किल है इस तड़प को अन्दर बाँध पाना
नही नहीं तू कभी न दिल लगाना

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